यीशु का दरबार रे हमे प्यारा लगत है
Yeeshu ka darabaar re hame pyaara
Yeeshu ka darabaar re hame pyaara lagat hai(2)
Pyaara lagat hai, dulaara lagat hai(2)
1 Tere darabaar maseeh, kaun kaun hai aave(2)
Dharm ke bhukhe gunahagaar, re hamen pyaar lagat(2)
2 Tere darabaar Maseeh, Kaun-kaun hai baithe (2)
Pandit moorkh gavaar re, Hame pyaara lagat hai (2)
3 Tere darabaar Maseeh, kya-kya hai milata-(2)
Mukti, shaanti apaar re hamen pyaara lagat hai;(2)
4 Tere darabaar Maseeh, ham sab hai aaye-(2)
Sun le Prabhu jee pukaar re hame pyaara lagat hai-(2)
“यीशु का दरबार रे हमे प्यारा लगता है” एक भक्तिभावपूर्ण गीत है जो मसीह यीशु के प्रति भक्ति और प्रेम की भावना को व्यक्त करता है। गीत के माध्यम से विश्वासी यह सुनिश्चित करना चाहता है कि यीशु का दरबार उनके लिए कितना प्रिय है और उन्हें कितना सुरक्षित महसूस होता है।
1. तेरे दरबार मसीह, कौन कौन है आवे: इस पंक्ति में विश्वासी यह प्रकट कर रहा है कि यीशु के दरबार में कौन-कौन से लोग आ सकते हैं। वह कह रहा है कि वहां धर्म के भूखे और गुनाहगार लोग भी आ सकते हैं और वह इस दरबार को प्यारा महसूस करते हैं।
2. तेरे दरबार मसीह, कौन-कौन है बैठे: इस पंक्ति में विश्वासी बता रहा है कि यीशु के दरबार में कौन-कौन बैठा है, और वह कहता है कि यहां आने वाले विभिन्न प्रकार के लोग हैं, जैसे कि पंडित, मूर्ख और गवार। फिर भी, उन्हें यह प्यारा लगता है क्योंकि यह दरबार सभी को स्वीकार करता है।
3. तेरे दरबार मसीह, क्या-क्या है मिलता: इस पंक्ति में विश्वासी बता रहा है कि यीशु के दरबार में जाने पर क्या-क्या लाभ है। उन्हें मुक्ति, शांति और अपार प्रेम की अनुभूति होती है, और इससे उन्हें यहां आने पर अत्यधिक आनंद होता है।
4. तेरे दरबार मसीह, हम सब है आये: इस आंतरगत पंक्ति में विश्वासी बता रहा है कि सभी लोग कैसे यीशु के दरबार में आ सकते हैं, और यह भी उन्हें प्रभु जी को पुकारने का आमंत्रण देता है। उन्हें यहां आने पर अपनी सभी समस्याओं का समाधान प्राप्त होता है और उन्हें यहां आने पर बहुत अच्छा लगता है।
5. सुन ले प्रभु जी पुकार रे हमें प्यारा लगता है: इस आखिरी पंक्ति में विश्वासी एक आदेश और आग्रह के साथ प्रभु जी से पुकार कर रहा है। उन्हें यह प्यारा लगता है क्योंकि उनका ध्यान यीशु की ओर मुड़ा हुआ है और उन्होंने महसूस किया है कि उनके पुकारने पर परमेश्वर उनके साथ हैं।
इस गीत के माध्यम से विश्वासी यह बयान कर रहा है कि यीशु के दरबार में आने से ही उन्हें अद्भुत और अनंत प्रेम की अनुभूति होती है, और वह यहां आने पर बहुत खुश हैं। गीत के विभिन्न भागों में विश्वासी ने सुंदरता से वर्णन किया है कि यीशु के प्रति प्रेम कैसे उनके जीवन को सजीव करता है और उन्हें सुख-शांति की अनुभूति होती है।
Youtube Credit @ SACHIN Jesus lyrics